रविवार, 6 अप्रैल 2014

मन को रंग देता सब कोई 
तुम ये मेरा मन रंग देना 
  ऐसा रंगना रंग ना छूटे 
  ये सारा जीवन रंग देना 

रंगना छूटे सभी खिलोने 
बीती बातें समय सलोने 
दीवारों पर तस्वीरों में 
जड़ा हुआ बचपन रंग देना 
तुम ये मेरा मन रंग देना 

आँखें लाज शर्म की मारी 
खेलें नज़रों से पिचकारी 
सागर की उत्ताल तरंगित 
लहरों सा यौवन रंग देना 
तुम ये मेरा मन रंग देना 

मेंहदी रंगना महावर रंगना 
फेरों वाली भांवर रंगना 
अनुबंधों के रंग घोलकर 
तुम वो सात वचन रंग देना 
तुम ये मेरा मन रंग देना 

रंगना होली और दिवाली 
करवाचौथ तीज हरियाली 
आँगन ड्योढ़ी रहे न खाली 
देहरी द्वार भवन रंग देना 
तुम ये मेरा मन रंग देना 

सूखी रंगना गीली रंगना 
लाल गुलाबी पीली रंगना 
तितली सी चटकीली रंगना 
आँखों भरा सपन रंग देना 
तुम ये मेरा मन रंग देना 

ऐसा रंगना रंग ना छूटे 
ये सारा जीवन रंग देना 

विनीता  शर्मा 
 

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